लखनऊ का सबसे आकर्षक स्मारक है बड़ा इमामबाड़ा। ये मुगलिया वस्तुकला और शिल्प शैली से अलंकृत ये स्थान असफ-उद-दौला द्वारा निर्मित है।
छोटा इमामबाड़ा की संरचना १८३८ में मोहम्मद अली शाह ने की थी। संरचना के अंदरूनी हिस्सों को बेल्जियम से लाए गए झूमर और क्रिस्टल लैंप के साथ खूबसूरत अलंकृति से सजाया गया है
अगर आप अवधी वास्तुकला का भव्य उदाहरण देखना चाहते है, तो बेखटके रूमी दरवाजे पर पहुंच जाइए। नवाब असफ-उद-दौला द्वारा निर्मित ये ६० फीट ऊंचा द्वार लखनऊ का लोगो माना जाता है।
छतर मंज़िल (अंब्रेला पैलेस), जो कभी नवाब और उनकी बेगमों का निवास स्थान हुआ करता था आज एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
ये २२१ फीट ऊंची इमारत जो लखनऊ के आसमानों को छु रही है, ये लगभग १४० साल पुरानी है। लंदन के बिग बेन घंटाघर के अनुरूप बनाया गया ये भारत का सबसे ऊंचा क्लॉक टॉवर है।
यदि आप विज्ञान को लेकर उत्साही हो या बच्चो को लेकर घूम रहे हो, तो इस तारामंडल पे अवश्य जाइए। तारामंडल को इस तरह से बनाया गया है कि यह शनि ग्रह जैसा दिखता है
यदि आप ब्रिटिश स्थापत्य भव्यता का एक नमूना देखना चाहते हैं, तो आपको कॉन्स्टेंटिया हाउस की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। इमारत में फ्रांसीसी जनरल मेजर क्लॉड मार्टिन का मकबरा है
लखनऊ में स्थित एक प्रतिष्ठित प्रहरीदुर्ग ये एक अधूरी, चार मंजिला संरचना है जो 1800 के दशक की है। राजा मोहम्मद अली शाह, जिन्होंने भवन का निर्माण शुरू किया था