भगवान विष्णु के सातवे अवतार श्री राम चंद्र का जन्म इस स्थान पर ही हुआ था। पहले मुगल शासक बाबर ने इसे तोड़ कर यहा एक मस्जिद बना दिया था।
सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक । पवन पुत्र हनुमान, श्री बजरंग बली को समर्पित है ये मन्दिर। ऐसी मान्यता है की इसी स्थान से हनुमान जी श्री राम के राज्य पर नज़र रखते थे।
ये बहुत ही प्राचीन मंदिर है जो सरयू नदी के तट पर, “नया घाट” पर स्थित है यहा भगवान राम के साथ-साथ लक्ष्मण, सीता, हनुमान व सुग्रीव की भी मूर्ति है, और सब ही काले बलुआ पत्थर से निर्मित है
अयोध्या शहर में स्थित है ये ऐतिहासिक स्मारक। शुजा-उद-दौला की बेगम का ये मकबरा सफेद संगमर्मर से निर्मित है और नवाबी स्थापत्य शैली से बना हुआ है।
“गुलाब का बगीचा” नाम से जाना जाने वाला ये स्थान फैजाबाद के तीसरे नवाब शुजा-उद-दौला का मकबरा है। गुलाब बाड़ी 18वीं सदी में शुद्ध नवाबी शैली से निर्मित है।
अयोध्या के “थेरी बाज़ार” के नज़दीक स्थित ये मंदिर यहा के स्थानीय देवता नागेश्वरनाथ(भगवान शिव) को समर्पित है। इस मन्दिर की स्थापना श्री राम के पुत्र कुश ने करी थी।
बुंदेला वास्तु शिल्प शैली का ये मंदिर बहुत ही सुंदर और मनोरम दिखता है ये राम जन्मभूमी के उत्तर पूर्वी इलाके में स्थित है। कनक भवन, या सोने का भवन, श्री राम और उनकी पत्नी देवी सीता को समर्पित है
राम जन्मभूमी के उत्तर पश्चिम पर स्तिथ है ये जगह। जैसा की नाम से ही पता चल रहा है, यहा पे रामायण काल के दौरान देवी सीता की रसोई हुआ करती थी। आप यहा पर कुछ प्राचीन बर्तन देख सकते हैं।